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जब प्रश्न-चिह्न बौखला उठे / गजानन माधव मुक्तिबोध
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06:58, 7 जनवरी 2009
इस कष्ट भरे जीवन के विस्तारों में त्यों
बहती है तरुणों
आत्मा
की
आत्मा
प्रतिभाशाली
अपने भीतर प्रतिबिम्बित जीवन-चित्रावलि,
Eklavya
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