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'''शरद बिलौरे:
जन्म १९ अक्तूबर १९५५ रहटगाँव, ज़िला होशंगाबाद में। वहीं सरकारी स्कूल में
प्रारम्भिक शिक्षा। भोपाल के क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय से स्नातक। १९७५-७६
में भोपाल विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम०ए०। तपेदिक के कारण कुछ
समय भोपाल के टी०बी० अस्पताल में भरती रहे। कई निजी और स्वायत्तशासी
संस्थाओं में अध्यापक और क्लर्क के रूप में कार्य किया। १९७९ में अध्यापक के
पद पर अरूणांचल प्रदेश में नियुक्ति। गाँव लौटते हुए 'लू'लगने के कारण ३ मई
१९८० को कटनी अस्पताल में मृत्यु।
शरद बिल्लौरे आठवें दशक के उत्तरार्ध का सबसे अधिक संभावनाओं से भरा कवि था।
हर जगह उसमें लोगों से अपनापा बना लेने का विलक्षण गुण था। उसकी कविता की