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सतपुड़ा के घने जंगल / भवानीप्रसाद मिश्र
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12:35, 10 जनवरी 2009
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<poem>
सतपुड़ा के घने जंगल।
नींद मे डूबे हुए से
ऊँघते अनमने जंगल।
झाड ऊँचे और नीचे,
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