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आग्रह / श्रीनिवास श्रीकांत
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20:34, 12 जनवरी 2009
मैं था ज़हरीला साँप
मित्रो
मित्रों
, तुम्हें नहीं मालूम कि साँप
होता है कितना निष्कपट
रहता है जमीन के नीचे
प्रकाश बादल
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