गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बीती सदी / श्रीनिवास श्रीकांत
No change in size
,
20:41, 12 जनवरी 2009
नींद में ही पहनते रहे मसखरे
अपने रंग-बिरंगे मुखौटे
•भी
कभी
खाली नहीं रही गद्दी
नींद में
उस पर होते रहे
प्रकाश बादल
Mover, Uploader
2,672
edits