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नूरा / मजाज़ लखनवी
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17:33, 16 जनवरी 2009
हवाओं से लड़ती है लड़ जाएगी वो
मैं देखूँगा उसके बिफरने का आलम
जवा
नी
जवानी
का ग़ुस्सा बिखरने का आलम
इधर दिल में इक शोरे-महशर बपा था
द्विजेन्द्र द्विज
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