गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मेरा एक सपना यह भी / चन्द्रकान्त देवताले
280 bytes added
,
19:34, 17 जनवरी 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रकान्त देवताले }} <poem> सुख से पुलाकने से नही...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=चन्द्रकान्त देवताले
}}
<poem>
सुख से पुलाकने से नहीं
रबने-खटने के थकने से
सोई हुई है स्त्री,
</poem>
Anonymous user
74.65.132.249