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सखी लौट फिर फागुन आया / श्याम सखा 'श्याम'
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01:02, 18 जनवरी 2009
मस्त हुई हूँ मैं भी
साथ खड़े हैं मेरे दिलबर
नयनो
का
काजल बौराया
भर-भर बैरन पिचकारी
अंग-अंग साजन ने मारी
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