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हास्य-रस -सात / अकबर इलाहाबादी
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क्योंकर ख़ुदा के अर्श के क़ायल हों
य
ये
अज़ीज़
जुगराफ़िये में अर्श का नक़्शा नहीं मिला
द्विजेन्द्र द्विज
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