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खड़ी बोली लोकगीत
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* [[ बारह बरस पीछै (विरह -गीत) / खड़ी बोली]]
* [[ अरे बरसन लागे बुंदिया चला भागा पिया / खड़ी बोली]]
* [[ अँगना में रौरा मचाइल चिरैयाँ सत / खड़ी बोली]]
अनिल जनविजय
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