गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
चुपरि उबटि अनाहवाइकै नयन आँजे / तुलसीदास
7 bytes added
,
09:01, 27 जनवरी 2009
}}
<poem>
'''
राग केदारा
'''
चुपरि उबटि अनाहवाइकै नयन आँजे,
चिर रुचि तिलक गोरोचनको कियो है |
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,720
edits