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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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17:59, 2 फ़रवरी 2009
* [[दिल में अब यूँ तेरे भूले हुए ग़म याद आते हैं/ फ़ैज़]]
* [[जो भी चल निकली है वो बात कहाँ ठहरी है / फ़ैज़]]
* [[आज तुम याद बेहिसाब आए / फ़ैज़]]
* [[रहबर से अपनी राह जुदा कर चले हैं हम / फ़ैज़]]
* [[तुझ को चाहा तो और चाह ना की / फ़ैज़]]
Pratishtha
KKSahayogi,
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