782 bytes added,
14:36, 8 फ़रवरी 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रफुल्ल कुमार परवेज़
|संग्रह=संसार की धूप / प्रफुल्ल कुमार परवेज़
}}
[[Category:कविता]]
<poem>
मुहय्या है कविता के लिए
उर्वरता
परंतु उत्पाद
हितकर हो या ख़तरनाक
केवल प्रयोग पर
निर्भर करता है
मसलन इस्पात से निहाई
इस्पात से हथौड़ी
इस्पात से बंदूक
इस्पात से गोली
मसलन स से संघर्ष
स से सुविधा
</poem>