गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
एक आदमी / धूमिल
3 bytes added
,
19:08, 8 फ़रवरी 2009
बन्द करती हुई चली जाती है
और दरवाज़े पर
सिटकिना
सिटकिनी
का रंग बरामदे के
अंधकार
अन्धकार
में घुल जाता है
जब मैं काम से नहीं होता
याने की मैं नहीं ढोता
Eklavya
397
edits