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{{KKRachna
|रचनाकार=सौरीन्‍द्र बारिक
|संग्रह=
}}
<Poem>
कभी तो कुछ दे नहीं पाया
क्‍या देता,मेरे पास क्‍या है देने के लिए
जरा पढोगी
'''अनुवाद - वनमाली दास'''</poem>