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[[Category:कवितापंजाबी भाषा]]{{KKCatKavita}}<poem>
मेरे शहर ने जब तेरे कदम छुए
सितारों की मुठियाँ भरकर
जब मैं तेरा गीत लिखने लगी
काग़ज़ के उपर ऊपर उभर आयींआईं
केसर की लकीरें
सूरज ने आज मेहंदी घोली
हथेलियों पर रंग गयीगई,हमारी दोनो दोनों की तकदीरें </poem>
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