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जब मैं तेरा गीत लिखने लगी /अमृता प्रीतम
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16:57, 13 फ़रवरी 2009
जब मैं तेरा गीत लिखने लगी
काग़ज़ के
उपर
ऊपर
उभर
आयीं
आईं
केसर की लकीरें
सूरज ने आज मेहंदी घोली
हथेलियों पर रंग
गयी
गई
,हमारी
दोनो
दोनों
की तकदीरें
<poem>
Shrddha
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