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20:20, 13 फ़रवरी 2009 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=ज़ौक़
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[[category: ग़ज़ल]]
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तेरा बीमार न सँभला जो सँभाला लेकर
चुपके ही बैठे रहे दम को मसीहा<ref>ईसा</ref> लेकर
शर्ते-हिम्मत नहीं मुज़रिम हो गिरफ्तारे-अज़ाब<ref>कष्टों में फँसा</ref>
तूने क्या छोड़ा अगर छोड़ेगा बदला लेकर
मुझसा मुश्ताक़े-जमाल<ref>सौंदर्य प्रेमी</ref> एक न पाओगे कहीं
गर्चे ढूँढ़ोगे चिराग़े-रुखे-ज़ेबा<ref>ख़ूबसूरत रोशनी वाला दीप</ref> लेकर
तेरे क़दमों में ही रह जायेंगे, जायेंगे कहाँ
दश्त<ref>जंगल</ref> में मेरे क़दम आबलाए-पा लेकर
वाँ से याँ आये थे ऐ 'ज़ौक़' तो क्या लाये थे
याँ से तो जायेंगे हम लाख तमन्ना लेकर
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