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19:28, 15 फ़रवरी 2009 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=भारत भारद्वाज
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[[Category:कविताएँ]]
<Poem>
यदि बाबर का पड़ोस
इतिहास सम्मत नहीं लगता
तो आप कुछ नहीं कर सकते
नई दिल्ली नगर-निगम के लोग
इतिहास नहीं जानते
बाबर रोड तो ठीक
लेकिन आसपास तानसेन, टोडरमल
बाबर की वंश परम्परा
हुमायूँ, अकबर, औरंगज़ेब
कितनी दूर
क्या करेंगे आप?
इतिहास तो बदलेगा नहीं
और नई दिल्ली नगर-निगम के इतिहास-बोध को
बदलना सम्भव नहीं
रहने दीजिए बाबर को गलियों में
कूचे में
मुगलवंश के निर्माता की
ऎसी स्थिति
हैरानी की बात नहीं
कि उसके पास-पड़ोस में बाज़ार लेन, सेन्ट्रल लेन,
स्कूल लेन के बीच बाबर लेन भी है
बंगाली मार्केट में
उजड़ा हुआ पड़ोस नहीं
जीवन्त और धड़कता हुआ
पड़ोस है बाबर का।
</poem>