496 bytes added,
19:59, 15 फ़रवरी 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=वेणु गोपाल
|संग्रह=
}}
<poem>
ऎसा क्यों होता है-
कि कवि
अक्सर
ऐंसी-ड्रेस प्रतियोगिता में
भाग लेने को
लालायित रहता है
यह
जानते हुए भी
कि अगर वह जीतेगा
तो
उसकी कविता
जार-जार रोएगी
</poem>