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प्यार में पसरता बाजार / अरुणा राय
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09:26, 20 फ़रवरी 2009
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|रचनाकार=अरुणा राय
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सारे आत्मीय संबोधन
कर चुके हम
जो मौत के बाद के दिन भी
तय कर जाना चाहता है ...
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अनिल जनविजय
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