गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
वो शख्स अब मेरा पुराना मकान छोड़े/ मासूम शायर
2 bytes added
,
02:22, 21 फ़रवरी 2009
दिल में है तेरी यादें आँखों में ख्वाब तेरे
"
मासूम
"
जा रहा है तो कहाँ समान छोड़े
</poem>
Shrddha
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits