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{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सौरीन्‍द्र बारिक
|संग्रह=
}}
<Poem>
तुम्‍हारे लिए है - यह कविता
केवल तुम्‍हारे लिए।
तुम ही पढ़ो
यही काफी है।
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