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ज़िन्दगी के तीन दिन / शार्दुला नोगजा
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21:56, 1 अप्रैल 2009
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दे सको तो दो प्रिये मुझे ज़िन्दगी के तीन दिन
एक दिन उल्लास का, मृदु हास का, उच्छ्वास का
अनूप.भार्गव
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