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हमको ऐसे मिली ज़िंदगी ! / शार्दुला नोगजा
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22:01, 1 अप्रैल 2009
हमको ऐसे मिली कि हँसी आ गई
फिर गले से लगाया तो शर्मा गई
ज़िंदगी प्यार के झूठे ई-मेल सी
पुल पे आई विलम्बित थकी रेल सी !
</poem>
अनूप.भार्गव
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