[[Category:सोहनलाल द्विवेदी]][[Category:कविताएँ]]{{KKGlobal}}{{KKSandarbhKKRachna|लेखकरचनाकार=सोहनलाल द्विवेदी|पुस्तक=वासंती|प्रकाशक=इंडियन प्रेस प्राइवेट लिमिटेड, इलाहाबाद|वर्ष=|पृष्ठ=}}
प्रबल झंझावत में तू <br>
बन अचल हिमवान रे मन। <br><br>