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ऋषभ देव शर्मा / परिचय

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1997-2005 रीडर : उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : हैदराबाद केंद्र में।
2005-2006 प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : एरणाकुलम केंद्र में।
संप्रति : 15 मई, 2006 से : प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद केंद्र में।
प्रकाशन:
काव्य संग्रह - तेवरी, तरकश, ताकि सनद रहे।
आलोचना - तेवरी चर्चा, हिंदी कविता : आठवाँ नवाँ दशक।
अनुवाद चिंतन - साहित्येतर हिंदी अनुवाद विमर्श।
संपादन :
पुस्तकें :
पदचिह्न बोलते हैं,
कर्णवती : समकालीन तमिल साहित्य विशेषांक।
पाठ्यक्रम लेखन :
डॉ.बी.आर.अंबेडकर सार्वत्रिक विश्वविद्यालय, हैदराबाद।
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नै।
विभिन्न विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों/संस्थानों द्वारा आयोजित संगोष्ठियों / लेखक शिविरों/ कार्यशालाओं में संसाधक/विषय विशेषज्ञ।
शोध निर्देशन :पीएच.डी. और एम.फिल. के 80 शोध प्रबंधों का सफलतापूर्वक निर्देशन।
विशेष :
मूलतः कवि।
1980 1981 में तेवरी काव्यांदोलन (आक्रोश की कविता( ) का प्रवर्तन।प्रवर्तन किया ।[तेवरी काव्यांदोलन की घोषणा 11 जनवरी 1981 को मेरठ, उत्तर प्रदेश, में की गई थी। एक वर्ष बाद खतौली [उत्तर प्रदेश] में इसका घोषणा पत्र डॉ. देवराज और ऋषभ देव शर्मा ने जारी किया था। तेवरी सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विसंगतियों पर प्रहार करने वाली आक्रोशपूर्ण कविता है। यह किसी भी छंद में लिखी जा सकती है। इसकी हर दो पंक्तियाँ स्वतःपूर्ण होते हुए भी पूरी रचना में अंतःसूत्र विद्यमान रहता है। तेवरी का छंद सम-पंक्तियों में तुकांत होता है। इसे अमेरिकन कांग्रेस की लाइब्रेरी के कॅटलॉग में 'पोएट्री ऑफ प्रोटेस्ट' कहा गया है|] 
अनेक शोधपरक समीक्षाएँ एवं शोधपत्र प्रकाशित।
लगभग 50 पुस्तकों के लिए भूमिका-लेखन।
ई-मेल : rishabhadeosharma@yahoo.com