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हे रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया
एक ने तुझको जन्म दिया है, एक ने तुझको पाला...
मानी मान्यताएं और देवी देव पूजे, पीर सही देवकी ने
दूध में नहलाने का गोद में खिलाने का सुख पाया यशोदाजी ने
एक ने तुझको जन्म दिया हैं, एक ने जीवन संभाला..
हे रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया....
मरने के डर से भेज दिया दर से देवकी ने रे गोकुल में
बिना दिए जन्म यशोदा बनी माता तुझको छुपाया आँचल में
जन्म दिया हो चाहे पाला हो किसीने भेद यह ममता न जाने
कोई भी हो जिसने दिया हो प्यार माँ का मन तो माँ उसी को माने
एक ने तुझको दी हे रे आँखें एक ने दिया उजाला..
हे रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया..........
</poem>