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रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 6
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|संग्रह= रश्मिरथी / रामधारी सिंह 'दिनकर'
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लगे लोग पूजने कर्ण को कुंकुम और कमल से,
कहते हुए -'पार्थ! पहुँचा यह राहु नया फिर कौन?
[[रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 7|अगला भाग >>]]
Pratishtha
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