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बदबू / ऋषभ देव शर्मा

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<Poem>
 
केसर की क्यारी में
 
कितने बरस से
 
लगातार बढ़ती ही जाती है
 
लाशों की बदबू;
 
घटती नहीं.
 
बर्फ का शिवलिंग
 
हर बरस आप से आप बढ़ता है
 
और घट भी जाता है
 
आप से आप।
 
 
 
</poem>
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