Changes

{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण ’पंकिल’'पंकिल'}}{{KKPageNavigation|पीछे=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल' पृष्ठ 6|आगे=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल' पृष्ठ 8|सारणी=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल'
}}
<poem>
श्वाँस श्वाँस में रमा वही सब हलन चलन तेरी मधुकर
यश अपयश उत्थान पतन सब उस सच्चे रस का निर्झर