गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
शकेब जलाली
132 bytes added
,
18:42, 14 मई 2009
* [[लौ दे उठे वो हर्फ़-ए-तलब सोच रहे हैं / शकेब जलाली]]
* [[जहाँ तलक भी ये सेहरा दिखाई देता है / शकेब जलाली]]
* [[उतरीं अजीब रोशनियाँ रात ख़्वाब में / शकेब जलाली]]
</sort>
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
6,240
edits