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क्या करें - मेरी तेरी निगाह में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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19:49, 17 मई 2009
मेरी तेरी निगाह में जो लाख इंतज़ार हैं<br>
जो मेरे तेरे तन
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बदन में लाख दिल फ़िग़ार हैं<br>
जो मेरी तेरी उंगलियों की बेहिसी से सब क़लम नज़ार हैं<br>
जो मेरे तेरे शहर की हर इक गली में<br>
हेमंत जोशी
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