{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[=जोश मलीहाबादी]][[Category:जोश मलीहाबादी]]}}[[Category:कविताएँग़ज़ल]][[Category:गज़ल]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
ये दिन बहार के अब के भी रास न आ सके <br>
कि ग़ुंचे खिल तो सके खिल के मुस्कुरा न सके <br><br>