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साक़ी की हर निगाह पे बल खा के पी गया / जिगर मुरादाबादी
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21:53, 25 मई 2009
तौबा को तोड़-ताड़ के थर्रा के पी गया<br><br>
ज़ाहिद ये मेरी शोखी-ए-
रिनदाना
रिंदाना
देखना<br>
रेहमत को बातों-बातों में बहला के पी गया<br><br>
हेमंत जोशी
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