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ख़ून में लथ-पथ हो गये / शहरयार
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17:56, 29 मई 2009
आओ उठो कुछ करें सहरा की जानिब चलें<br>
बैठे
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बैठे थक गये साये में दिलदार के<br><br>
रास्ते सूने हो गये दीवाने घर को गये<br>
हेमंत जोशी
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