गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
वो दिल नवाज़ है नज़र शनास नहीं / नासिर काज़मी
No change in size
,
11:13, 7 जून 2009
मेरे लिये कोई शयान-ए-इल्तमास नहीं <br><br>
तेरे उजालों में भी दिल काँप
-
काँप उठता है <br>
मेरे मिज़ाज को आसूदगी भी रास नहीँ <br><br>
कभी
-
कभी जो तेरे क़ुर्ब में गुज़रे थे <br>
अब उन दिनों का तसव्वुर भी मेरे पास नहीं <br><br>
हेमंत जोशी
Mover, Uploader
752
edits