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<poem>
किसने वादा किया है आने का
हुस्न देखो ग़रीब ख़ाने ग़रीबख़ाने का
रूह को आईना दिखाते हैं
चश्म-बर-राह-ए-शौक़ के मारे
चांद चाँद के इन्तज़ार इंतज़ार में तारे
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