|विविध=''ओटक्कुष़ळ'' के लिये ही जी० शंकर कुरुप को 1965 में प्रथम भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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* [[भूमिका (मेरी कविता ) / जी० शंकर कुरुप]]* [[भूमिका (कला-कविता) / जी० शंकर कुरुप]]* [[भूमिका (बाल्यकाल : स्मृतियाँ) / जी० शंकर कुरुप]]
* [[ओटक्कुष़ळ (बाँसुरी) / जी० शंकर कुरुप]]
* [[अम्मयेविटे? (माँ कहाँ है?) / जी० शंकर कुरुप]]