{{KKRachnakaarParichay|रचनाकार=जी० शंकर कुरुप}}महाकवि के नाम से मशहूर चर्चित मलयाली कवि जी शंकर कुरुप भारतीय साहित्य के शीर्ष पुरस्कार साहित्य अकादमी से सम्मानित होने वाले पहले रचनाकार थे और उनके साहित्य में प्राचीन एवं आधुनिक विचारों का अद्भुत मेल दिखाई देता है। कुरुप के साहित्य में प्राचीन भारतीय मूल्यों और विचारों का सम्मान दिखाई देता है। समीक्षकों के अनुसार इसका कारण संस्कृत साहित्य में उनकी रुचि थी।
दरअसल बचपन में पढी संस्कृति रचनाओं से ही उन्हें साहित्य का चस्का लगा। बाद में उनका झुकाव अंगे्रजी साहित्य की ओर हुआ और उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के महत्व को समझते हुए आधुनिक युगबोध को भी अपनाया।