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कह-मुकरियाँ / अमीर खुसरो
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14:13, 31 जुलाई 2009
उसके बिछुड़त फाटे हिया’<br>
ए सखि ‘साजन’ ना,सखि! दिया(दीपक) <br><br>
२१.<br>
वह आवे तब शादी होय,<br>
उस बिन दूजा और न कोय<br>
मीठे लागे वाके बोल<br>
ऐ सखि’साजन’, ना सखि ! ‘ढोल’<br>
Pratishtha
KKSahayogi,
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