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|रचनाकार=ओमप्रकाश सारस्वत |संग्रह=एक टुकड़ा धूप / ओमप्रकाश सारस्वत
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उसने 'वैराग्यशतक' देखा
और 'वृद्धेभ्य: समर्पितम्' कहकर
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