|मृत्यु=1987
|कृतियाँ=[[हरी घास पर क्षण भर / अज्ञेय | हरी घास पर क्षण भर]], बावरा अहेरी, इंद्र धनु रौंदे हुए, [[आँगन के पार द्वार / अज्ञेय | आंगन के पार द्वार]], [[कितनी नावों में कितनी बार / अज्ञेय | कितनी नावों में कितनी बार]]
|विविध=[[कितनी नावों में कितनी बार / अज्ञेय | कितनी नावों में कितनी बार]] नामक काव्य संग्रह के लिये 1978 में भारतीय [[ज्ञानपीठ पुरस्कार ]] से सम्मानित। [[आंगन के पार द्वार / अज्ञेय | आँगन के पार द्वार]] के लिये 1964 का [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]]|
|अंग्रेज़ीनाम=Sachchidanand Hiranand Vatsyayan Agyeya, Heeranand, Agyey
|जीवनी=[[अज्ञेय / परिचय]]