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आँखों-आँखों मुस्कुराना खूब है / गुलाब खंडेलवाल
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11:08, 7 अगस्त 2009
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आँखों-आँखों मुस्कुराना खूब है!
प्यार यह हमसे छिपाना खूब है!
Vibhajhalani
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