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सूर्य–सा मत छोड़ जाना / निर्मला जोशी
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01:26, 26 दिसम्बर 2006
पंक्तियों में बंद होंगे।
वर्णमाला में दुखों की
बीन–सा मत तोड़ जाना।
पी गई सारा अंधेरा
प्रात को संध्या बनाकर
सूर्य–सा मत छोड़ जाना।
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घनश्याम चन्द्र गुप्त