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दफ़्न जब ख़ाक़ में हम सोख़्ता-सामाँ होंगे / मोमिन
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16:00, 13 अगस्त 2009
संग और हाथ वही , वही सर-ओ-दाग़े-जुनूँ
वही
वो ही
हम होंगे वही दश्त-ओ-बयाबाँ होंगे
उम्र तो सारी कटी इश्क़-ए-बुताँ में "मोमिन",
द्विजेन्द्र द्विज
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