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रात दवा है रिसते नासुरों की / श्रीनिवास श्रीकांत
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|रचनाकार=श्रीनिवास श्रीकांत
|संग्रह=नियति,इतिहास और जरायु / श्रीनिवास श्रीकांत
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<poem>रात दवा है रिसते नासुरों की
बस्तियों पर छाई हर तरफ़
प्रकाश बादल
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