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सुना है ख़ूब बँटती है दौलत, रमज़ान के महीने में / शमशाद इलाही अंसारी
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12:53, 31 अगस्त 2009
मयक़दे से बहती है नियामत, रमज़ान के महीने में।
जाम भर-भर के पिलाओ यारों कि तिश्नगी अब
न
रहे,
सुना है बरसती है रहमत हर सू, रमज़ान के महीने में।
अनिल जनविजय
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