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मैं तलखि़ये हयात से घबरा के पी गया / साग़र सिद्दीकी
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मैं तलखि़ये हयात से घबरा के पी गया
ग़म की सियाह रात से घबरा के पी गया
इतनी दकिक शे कोई कैसे समझ सके
यज़दां के वाकियात से घबरा के पी गया
Sumitrxz
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