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वे भाई की हत्या हत्या कर मन्त्री मंत्री बने थे
चमचे इसे भी कुर्बानियों में गिनते हैं।
विपन्नों विपन्नों की भाषा में जो लहू का लवण होता है
उसे काछकर छींटा पूरे जवार में
फसल अच्छी अच्छी हुई।
कवि जी ने गरीब गोतिया के घर से उखाडा था ख्म्भाखम्भा-बरेरा
बहुत सगुनिया हुई सीढी
कवि जी गए बहुत उपर ऊपर और बच्चा बच्चा गया अमरीका।
गदगद गद्गद् कवि जी गुदगुद सोफै सोफे पर बैठे थेजम्हाई लेते मंत्री जी ने बयान दिया - वक्त वक़्त बहुत मुश्किल है
कविता सुनाओगे या दारू पिओगे।
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